Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ सरकार देगी घर, विधानसभा में ऐलान.. CM भूपेश बोले-केंद्र ने सर्वे नहीं करवाया तो हम करवाएंगे, गरीबों को आवास भी देंगे

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार यदि सर्वे की घोषणा नहीं करती तो 1 अप्रैल से 30 जून 2023 के बीच राज्य सरकार खुद आवासहीन लोगों की सर्वे कराएगी। क्रमबद्ध रूप से उनको पक्का आवास देगी। उनके हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी।

सीएम के ऐलान के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अब मुख्यमंत्री सोमवार 6 फरवरी को बजट पेश करेंगे।

सीएम भूपेश ने क्या कुछ कहा, विस्तार से पढ़िए

1-मंडी शुल्क के लिए केंद्र को पत्र लिखा, सुनने को तैयार नहीं हैं। वे नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ के लोग आगे बढ़ें।

2-ग्रामीण विकास मंत्रालय में भी हमने मांग की थी की सड़क बनाने का समय बढ़ाया जाए, मगर हमारी बात सुनी नहीं जा रही है।

3-रायपुर कार्गो इंटरनेशनल की मांग की गई, लेकिन नहीं सुन रहे हैं। केंद्र सरकार कोई सुनवाई ही नहीं कर रही है।

4-प्रदेश में खनिज से जो रॉयल्टी नहीं मिल रही। विदेश से कोयला मांगा लेंगे, लेकिन हमारी रॉयल्टी नहीं बढ़ा रहे। इसे बढ़ा देते तो हमारी आमदनी बढ़ जाती।

5-GST क्षतिपूर्ति पिछले साल 6182 करोड़ मिला अब इन्होंने बंद कर दिया।

6-प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास पर बात हुई। सभी राज्यों को 2 करोड़ 85 लाख मकान स्वीकृत हुए हैं। छत्तीसगढ़ का 11 लाख 76 हजार 67 आवास को स्वीकृत किया गया। 8 लाख 44हजार मकान पूर्ण हो चुके हैं। 71 प्रतिशत पूरे हो चुके हैं। इनके पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए ग्रामीणों को भड़काने में जुटे हुए हैं।

7-ये 2011 की जनगणना पर है। नई जनगणना क्यों नहीं होनी चाहिए। ये चलें हमारे साथ गरीब जनता के हित में आवाज उठाएं। 2011 का डाटा पुराना हो चुका। नया डाटा आना चाहिए।

आरक्षण के मुद्दे पर शेर पढ़कर जवाब दिया

  • CM ने इसके पहले आरक्षण के मुद्दे पर विपक्षी विधायकों को जवाब भी दिया। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर कहा-सच के लिए हम लड़ेंगे। चाहे जिस सीमा तक जाना हो, जायेंगे। उन्होंने आगे एक शेर भी पढ़ा-जिंदा हैं तो जिंदा नजर आना जरूरी है। बात उसूलों की आ जाए तो टकराना भी जरूरी है।
  • CM ने कहा- यही लोग राजभवन के प्रवक्ता बने हुए थे। पवित्र सदन में ही आरक्षण तय हुआ। हमने आबादी के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान किया। विधानसभा से पारित बिल पर अगर सवाल हो तो एक बार हमने जवाब दिया, लेकिन इसके बाद भी हस्ताक्षर न हो तो, हमारी भी सीमा है। इसलिए हमको कोर्ट जाना पड़ा।
  • उन्होंने सदन में सबसे पहले कहा-राज्यपाल का अभिनंदन करता हूं। राज्यपाल पहली बार आए और विपक्ष के साथियों ने जिस प्रकार टोका टिप्पणी की, यहां तक कि उनकी भाषा पर भी टिप्पणी की। यह दुर्भाग्यजनक है। केंद्र और राज्य का विषय हो तो राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा बिल को। राज्यपाल ने सार्वजनिक बयान दिया था की अध्यादेश लाइे या सदन में बिल पास कीजिए। एक घंटे में पारित करूंगी। फिर भी राज्यपाल के अधिकारों का दुरुपयोग किया गया। इसके बाद बीजेपी के अजय चंद्राकर ने पूछा- क्या दुरुपयोग हुआ। यह आपत्तिजनक है। कौन दुरुपयोग किया यह स्पष्ट होना चाहिए।

राज्यपाल के खिलाफ मामला कोर्ट में जाने को लेकर सदन में पक्ष विपक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिली। बृजमोहन ने कहा- राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं। उनके अधिकारों पर चर्चा नहीं कर सकते हैं। सदन के वे सर्वोच्च हैं। हम यहां कृतज्ञता ज्ञापन देने के लिए यहां है। CM बघेल ने कहा- शुरुआत इन्होंने की। इसके बाद गुस्साए भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। विधानसभा कैम्पस में बृजमोहन नारे बाजी करते रहे।

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